सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुझाव दिया है कि विधानसभा सदस्यों को अयोग्य क़रार देने का अधिकार एक स्वतंत्र निकाय के पास हो। हालाँकि, यह काम कोर्ट ने संसद पर छोड़ दिया है। इसने कहा कि संसद यह तय करे कि विधायकों को अयोग्य ठहराने का अधिकार सदन के स्पीकर यानी अध्यक्ष के पास हो या नहीं। कोर्ट की यह सलाह उस याचिका पर सुनवाई के दौरान आई है जिसे कांग्रेस नेताओं ने दायर की है। उन्होंने एंटी-डिफ़ेक्शन लॉ यानी दल बदल विरोधी क़ानून के तहत विधायक टी श्यामकुमार सिंह को मणिपुर विधानसभा से अयोग्य ठहराने की माँग की है।
विधायकों की अयोग्यता का हक़ स्पीकर नहीं, स्वतंत्र निकाय के पास हो : सुप्रीम कोर्ट
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- 21 Jan, 2020

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुझाव दिया है कि विधानसभा सदस्यों को अयोग्य क़रार देने का अधिकार एक स्वतंत्र निकाय के पास हो। हालाँकि, यह काम कोर्ट ने संसद पर छोड़ दिया है।
श्यामकुमार सिंह ने 2017 में मणिपुर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन बाद में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद ग्रहण कर लिया।
हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र निकाय के गठन का सुझाव दिया, लेकिन इसके साथ ही इसने मणिपुर विधानसभा के स्पीकर को याचिका पर चार हफ़्ते में फ़ैसला देने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि स्पीकर द्वारा तय समय में फ़ैसला नहीं लिए जाने पर याचिकाकर्ता फिर से सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।