सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुझाव दिया है कि विधानसभा सदस्यों को अयोग्य क़रार देने का अधिकार एक स्वतंत्र निकाय के पास हो। हालाँकि, यह काम कोर्ट ने संसद पर छोड़ दिया है। इसने कहा कि संसद यह तय करे कि विधायकों को अयोग्य ठहराने का अधिकार सदन के स्पीकर यानी अध्यक्ष के पास हो या नहीं। कोर्ट की यह सलाह उस याचिका पर सुनवाई के दौरान आई है जिसे कांग्रेस नेताओं ने दायर की है। उन्होंने एंटी-डिफ़ेक्शन लॉ यानी दल बदल विरोधी क़ानून के तहत विधायक टी श्यामकुमार सिंह को मणिपुर विधानसभा से अयोग्य ठहराने की माँग की है।