भारत में लोकतंत्र कमज़ोर हुआ है! इसका सबूत यह है कि लोकतंत्र के पैमाने पर विश्व के 167 देशों की रैंकिंग में भारत 10 स्थान फिसल गया है। इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ने यह रिपोर्ट जारी की है। लोकतंत्र के कमज़ोर होने का साफ़-साफ़ मतलब यह है कि लोगों की आज़ादी और राजनीतिक प्रक्रिया में उनकी भागीदारी कम हुई है।
भारत में लोकतंत्र हुआ कमज़ोर, डेमोक्रेसी इंडेक्स में 10 स्थान फिसला
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- 22 Jan, 2020

भारत में लोकतंत्र कमज़ोर हुआ है! इसका सबूत यह है कि लोकतंत्र के पैमाने पर विश्व के 167 देशों की रैंकिंग में भारत 10 स्थान फिसल गया है। इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ने यह रिपोर्ट जारी की है।
इसका एक मतलब तो यह भी है कि लोगों के ख़िलाफ़ सत्ता की ताक़त बढ़ी है। यह सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी से भी ज़ाहिर होता है जिसमें असहमति के ख़िलाफ़ सरकार की कार्रवाई पर इसने कहा है कि असहमति लोकतंत्र का सेफ़्टी वॉल्व है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि अगर आप इस सेफ़्टी वॉल्व को नहीं रहने देंगे तो प्रेशर कुकर फट जाएगा। अभी दो दिन पहले ही तेलंगाना हाई कोर्ट ने भी टिप्पणी की कि क्या राज्य अपने अधीन आने वाली ताक़त का इस्तेमाल कर इस तरह असहमति को कुचलना चाहती है? इसे नागरिकता क़ानून, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी और एनपीआर के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वालों पर सरकार की कार्रवाई से भी समझा जा सकता है। इसका ज़िक्र भी रिपोर्ट में किया गया है।