मुकेश चंद्राकर पहले पत्रकार नहीं हैं जिनकी हत्या हुई है। हाल के वर्षों में तमाम ऐसे पत्रकार हुए हैं जो विभिन्न सरकारों और माफियाओं के आँख की किरकिरी बने रहे जिनकी अंततः हत्या कर दी गई। जानिए, ऐसे में देश में लोकतंत्र किस स्थिति में है।
अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ भले ही भारत में लोकतंत्र की ख़राब हो रही स्थिति की रिपोर्टें दे रही हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो में भारत के लोकतंत्र को लेकर बड़े दावे किए हैं।
अमेरिका की संस्था, केटो इंस्टीट्यूट और कनाडा की संस्था फ्रेजर इंस्टीट्यूट द्वारा जारी दुनिया के 162 देशों की रैंकिंग में भारत की आज़ादी को ‘आधी’ बता दिया गया है और उसकी रैंकिंग 94वें स्थान से गिरकर 111 स्थान पर आ गई है।
‘द इकोनॉमिस्ट ग्रुप’ की इकोनॉमिक इंटेलिजेंस यूनिट की ओर से जारी लोकतंत्र सूचकांक 2019 की वह वैश्विक सूची, जिसमें भारत पिछले वर्ष के मुक़ाबले 10 पायदान लुढ़क कर 51वें स्थान पर जा गिरा है।
भारत में लोकतंत्र कमज़ोर हुआ है! इसका सबूत यह है कि लोकतंत्र के पैमाने पर विश्व के 167 देशों की रैंकिंग में भारत 10 स्थान फिसल गया है। इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ने यह रिपोर्ट जारी की है।