हाल ही में श्री करतारपुर साहब गुरुद्वारे के गलियारे का शिलान्यास हुआ। इसमें पाक पीएम इमरान ख़ान ने जताया कि वे भारत के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में उनकी सरकार, पाक सेना और वहाँ के राजनीतिक दलों का एक ही विचार है। लेकिन हाल की कुछ घटनाओं पर ध्यान दें तो नज़र आता है कि पाकिस्तान जो पहले कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा था, उसकी नज़र अब पंजाब पर भी पड़ने लगी है। अमृतसर में निरंकारी भवन पर हुआ ग्रेनेड हमला इसका ताज़ा उदाहरण है। इससे पहले भी पाकिस्तान पठानकोट एयरबेस और दीनानगर थाने में आतंकी वारदात कर चुका है।
आतंकी हमले की आशंका बढ़ी
पिछले दिनों पंजाब में जैश-ए-मोहम्मद के सात आतंकियों के घुसने की ख़बर आई जिसने आतंकी हमले की आशंका पैदा कर दी। ख़बर है कि ये आतंकी पंजाब से दिल्ली जाने की फिराक में हैं और फ़िरोज़पुर, गुरदासपुर, पठानकोट या अमृतसर में छिपे हैं। पूरे प्रदेश में अलर्ट घोषित किया गया। जगह-जगह नाकेबंदी और गहन तलाशी हुई। चाहे डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने इस अलर्ट को रूटीन बताया लेकिन पूरे प्रदेश में चौकसी बढ़ाने के आदेश दे दिए गए। अभी भी सभी ज़िलों के पुलिस प्रमुखों को सुरक्षा के सख्त प्रबंध करने के आदेश हैं। ऐसी आशंका है कि बड़े नेताओं व राजनीतिक पार्टियों की सभाओं, पार्कों व अन्य स्थलों पर होने वाले समागमों पर हमला हो सकता है। यह बात तब फैली जब पठानकोट में छीनी गई इनोवा गाड़ी का 48 घंटे बाद भी सुराग नहीं लगा। माधोपुर नाके पर चार संदिग्धों ने इस गाड़ी को छीन लिया था। इनोवा कार लूटने वाले संदिग्धों के स्कैच जारी हो गए हैं लेकिन अभी तक कोई हाथ नहीं आया है। एक ओर पुलिस दिलासा देती है कि लूटने वाले आतंकी नहीं पेशेवर अपराधी थे लेकिन दूसरी ओर पुलिस नाके लगाकर वाहनों की जाँच कर रही है।मूसा के दिखाई देने की अफ़वाह
आतंकवादी जाकिर मूसा को उसके साथियों के साथ अमृतसर में देखे जाने की अफ़वाहें सामने आ रही हैं। दीनानगर और गुरदासपुर में आतंकवादी जाकिर मूसा के पोस्टर भी दिखाई देने लगे हैं। लेकिन हाई अलर्ट के बावजूद पूरा पंजाब घूम लो, पुलिस तंत्र ढीला है, नाके खाली दिखाई देते हैं। पुख़्ता सुरक्षा व्यवस्था व चाक-चौबंद चैकिंग गुरदासपुर जैसे सरहदी इलाकों में नहीं दिखती, पूरे पंजाब की तो बात छोड़ ही दो।फिरोज़पुर बॉर्डर से बढ़ी घुसपैठ
पिछले दस महीनों में फ़िरोज़पुर बॉर्डर से घुसपैठ व संदिग्ध गतिविधियाँ बढ़ी हैं। पाक से सटे सतलुज दरिया से दो पाकिस्तानी नावें मिलीं और दो पाक फ़ौजी भारतीय सीमा में पकड़े गए। अभी कुछ समय पहले फ़िरोज़पुर सीमा पर तैनात एक बीएसएफ़ जवान आईएसआई को सूचनाएँ देने के आरोप में गिरफ्तार हुआ है।अब तक पाँच घुसपैठियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। एक फ़रार हो गया है जबकि एक मारा गया। जानकारों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में मौसमी बर्फ़बारी हो जाने के कारण आतंकियों की घुसपैठ कठिन हो गई है। इसलिए अब आईएसआई की नज़र पंजाब पर है। सूत्रों के अनुसार आईएसआई ने पंजाब की सीमा में सेंध लगाने की ज़िम्मेदारी पंजाब के आतंकी गुट बब्बर खालसा और ख़ालिस्तान जिंदाबाद फ़ोर्स को सौंपी है।जम्मू-कश्मीर के साथ लगती सीमा पर तनाव जारी है। गोलीबारी आम बात है। आईबी के मुताबिक पाकिस्तान रावी सहित उज्ज दरिया, जलालिया और तरनाह दरियाओं का अधिक लाभ उठाने की कोशिश में है। यहाँ भारतीय इलाका लगभग छह-सात फुट ढलान पर होने के कारण बहते पानी का दबाव भारतीय इलाके की ओर है। आतंकवादी इस पानी के रास्ते आसानी से घुसपैठ कर जाते हैं।आतंकी वारदात कर चुका है पाक
इससे पहले भी पाकिस्तान पठानकोट एयरबेस और दीनानगर थाने में आतंकी वारदात कर चुका है। अब पाकिस्तान की बदनज़र फिर से पंजाब की सीमा पर आ लगी है। ख़ालिस्तान ज़िंदाबाद फ़ोर्स का सरगना रंजीत सिंह नीटा और बब्बर खालसा चीफ़ वधावा सिंह इस सीमा का इस्तेमाल करते रहते हैं। अभी सी.टी. इंस्टीट्यूट जालंधर के विद्यार्थियों से बरामद हथियारों की खेप भी इसी रास्ते से आई थी। रणजीत सिंह नीटा 1991 से पाकिस्तान में आतंकियों का किंगपिन है। वह पाकिस्तानी रेंजरों के साथ मिलकर घुसपैठ करवाता है। नशीले पदार्थ भेजता है।बब्बर खालसा के वधावा सिंह का भी पंजाब में बड़ा नेटवर्क है। इनके अचानक सक्रिय हो जाने से पंजाब सीमा में घुसपैठ की आशंका बढ़ गई है और सर्दियों में अन्य आतंकवादी घटनाओं की गुंजाइश भी दिखाई देने लगी है। समय की माँग है कि पुलिस बल अपनी ‘सब चलता है’ की मनोवृत्ति को त्यागें। आतंकवाद की बढ़ती धमक को पहचानें और इस पर नियंत्रण ही नहीं बल्कि इसे ख़त्म करने के लिए तैयार हो जाएँ।श्री करतारपुर साहब गुरुद्वारे के गलियारे का शिलान्यास डेरा बाबा नानक में उपराष्ट्रपति ने कर दिया। समारोह में भाईचारे के ऊपर सियासी स्वार्थ की राजनीति का कोलाहल हावी रहा। 28 नवंबर को पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने देश की ओर से गलियारे की नींव का पत्थर रखा। भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, हरदीप पुरी और पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू ने समारोह में शिरकत की। चाहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ़ किया कि नवजोत उनसे पूछकर नहीं गए लेकन ज़ाहिर है कि जाने की सरकारी मंज़ूरी तो उनके पास थी।यह कॉरिडोर चार महीने में पूरा होगा, जैसा कि पाकिस्तान के अखबार डॉन ने बताया है। लेकिन इससे अगर कोई भ्रम पैदा हो जाए कि माहौल में सुधार हो रहा है, आतंकी गतिविधियां धीमी पड़ेंगी और एक नई सांझ और सौहार्द्र का माहौल पैदा हो जाएगा तो इससे बड़ी ख़ुशफ़हमी कोई और हो नहीं सकती।
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