मणिपुर में शांति आख़िर क्यों नहीं बहाल होती दिख रही है? राज्य में सोमवार को ताजा हिंसा में कम से कम एक और व्यक्ति की मौत हो गई। और मेइती और कुकी-ज़ोमी दोनों समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूहों ने कहा है कि वे गृह मंत्रालय द्वारा गठित शांति समिति में भाग नहीं लेंगे। तो सवाल है कि आख़िर एक तरफ़ ताज़ा हिंसा होने और दूसरी तरफ़ शांति समिति से मेइती व कुकी समूहों के पीछे हटने का क्या मतलब है?
मणिपुर में ताज़ा हिंसा में 1 की मौत; कुकी, मेइती दोनों शांति समिति से पीछे हटे?
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- 13 Jun, 2023
मणिपुर में कई दिनों से जारी हिंसा को रोकने का प्रयास आख़िर सफल होता क्यों नहीं दिख रहा है? जानिए ताज़ा हिंसा और मेइती व कुकी के शांति समिति से हटने की वजह क्या है।

केंद्र द्वारा मणिपुर में शांति समिति गठित करने के एक दिन बाद ही इस पर संकट के बादल छाए हुए दिख रहे थे। अधिकांश कुकी प्रतिनिधियों ने पहले ही कह दिया है कि वे पैनल का बहिष्कार करेंगे। ऐसा करने के पीछे कई कारण बताए गए हैं। एक कारण बताया गया है कि उन्हें पैनल में शामिल करने के लिए उनकी सहमति नहीं ली गई थी। उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि शांति समिति में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और उनके समर्थक शामिल हैं। उन्होंने यह भी मांग की कि पहले केंद्र बातचीत के लिए अनुकूल स्थिति बनाए। अब मेइती समुदाय के प्रतिनिधियों ने भी राज्य में हिंसा का हवाला देते हुए अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं।