मणिपुर हिंसा के दौरान पुलिस के रवैये पर गंभीर सवाल उठे हैं। अब सीबीआई चार्जशीट में ही बड़ा आरोप लगाया गया है। पिछले साल राज्य में जिन महिलाओं को नंगे घुमाए जाने और यौन उत्पीड़न किए जाने के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया था, उन महिलाओं ने पहले पुलिस से सहायता की गुहार लगाई थी। यहाँ तक कि वे भीड़ से बचते हुए पुलिस जिप्सी तक पहुँच गई थीं, लेकिन पुलिस से सहायता नहीं मिल पाई थी और उन्हें भीड़ के हवाले छोड़ दिया गया था। इसके बाद ही हैवानियत वाली वह घटना घटी थी। यह सीबीआई के आरोपपत्र में दावा किया गया है।
मणिपुर: महिलाएँ पुलिस जिप्सी तक पहुंचीं, पर भीड़ के हवाले छोड़ा गया: चार्जशीट
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- 30 Apr, 2024
मणिपुर में जिन महिलाओं को नंगे घुमाया गया था, उन्होंने बचाने के लिए पुलिस से गुहार तक लगाई थी, लेकिन सहायता नहीं मिल पाई।जानिए, सीबीआई ने आरोपपत्र में क्या दावा किया है।

सीबीआई के आरोपपत्र से पता चला है कि पिछले साल 3 मई को मणिपुर में पुरुषों की भीड़ द्वारा दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और नग्न परेड की घटना से ठीक पहले दोनों पुलिस जिप्सी में चढ़ने में कामयाब रही थीं। उनके साथ दो पुरुष पीड़ित भी जिप्सी में चढ़ने में कामयाब रहे थे। इंडियन एक्सप्रेस ने सीबीआई के आरोपपत्र के हवाले से रिपोर्ट दी है कि जब उन्होंने सहायता के लिए गुहार लगाई और गाड़ी बढ़ाने को कहा तो पुलिस ने 'कार में चाबी नहीं है' कहकर उनकी मदद करने से इनकार कर दिया।