बिहार में 7 जनवरी से जातिगत गिनती शुरू हो गई लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का असमंजस खत्म नहीं हुआ। 9 अगस्त 2022 से पहले तक नीतीश कुमार के साथ सरकार में रही भारतीय जनता पार्टी के नेता चाहे-अनचाहे जातीय जनगणना के लिए कैबिनेट की स्वीकृति दिलाने में शामिल रहे थे। लेकिन अब उनके नेताओं के बयानों से ऐसा लगता है कि इस मुद्दे पर उनसे न निगलते बन रहा, न उगलते।