देश-विदेश में इसकी खूब चर्चा आए दिन बड़े मंचों से होती है कि जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार सत्ता पर काबिज हुई है, तब से मीडिया को हरसंभव हथकंडा अपनाकर दबाया जा रहा है। 'गोदी मीडिया' बाकायदा एक मुहावरा बन गया है जिसका मतलब है कि आंखें मूंदकर और कान बंद करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार और भाजपा का प्रबल समर्थन करना।

क्या पंजाब में भगवंत मान की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी की सरकार केंद्र की भाजपा सरकार की लाइन पर चल रही है। सरकार ने क्यों पंजाबी दैनिक अजीत और अजीत समाचार को मिलने वाले सरकारी विज्ञापन बंद कर दिए हैं?
दूसरे अर्थों में कहे तो वही लिखना और दिखाना जो केंद्र सरकार चाहती है। केंद्र एवं भाजपा के अपरोक्ष इशारे पर कथित गोदी मीडिया को बतौर विज्ञापन देकर खरीदने तथा पत्रकारों को अपने समर्थन में करने के तथ्य कई बार रखे जा चुके हैं। छोटे-बड़े कई नामचीन तथा विवादास्पद कॉरपोरेट घराने भी इसके लिए सरकार की और से खुलेआम सक्रिय हैं। एनडीटीवी का हश्र सामने है।
क्या आप जानते हैं कि कभी केंद्रीय भाजपा सरकार की ऐसी कारगुज़ारियों का विरोध करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) का मीडिया के प्रति क्या रवैया है? दो राज्यों दिल्ली और पंजाब में 'आप' की सरकार है। दिल्ली में केंद्र सरकार के सीधे इशारे पर काम करने वाले गोदी मीडिया की व्यापकता के आगे आप सुप्रीमो और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मीडिया के प्रति रवैया अथवा पक्षपात सामने नहीं आ पाता। लेकिन पंजाब में आम आदमी पार्टी की पर्दे के पीछे की 'मीडिया नीति' कमोबेश ठीक वैसी ही है, जैसी भाजपा की 'गोदी मीडिया' नीति।