हैदराबाद में सरकार चला रही तेलंगाना राष्ट्र समिति और बीजेपी शनिवार को आमने-सामने हैं। तेलंगाना की केसीआर सरकार तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस मना रही है जबकि बीजेपी ने इसे हैदराबाद मुक्ति दिवस का नाम दिया है। बताना होगा कि 17 सितंबर 1948 को हैदराबाद की रियासत का भारतीय संघ में विलय हुआ था।
हैदराबाद में क्यों ताकत दिखा रहे अमित शाह और केसीआर?
- तेलंगाना
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- 17 Sep, 2022
तेलंगाना में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और बीजेपी यहां अपनी सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। लेकिन क्या वह टीआरएस को चुनौती दे पाएगी?

तेलंगाना में अगले साल मई में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और बीजेपी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है। बीजेपी हैदराबाद का नाम भाग्यनगर रखे जाने की मांग उठाती रही है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने बीजेपी के द्वारा हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाए जाने को विभाजनकारी एजेंडा करार दिया है। केसीआर ने जहां तेलंगाना के नामपल्ली में राष्ट्रीय ध्वज फहराया तो यहां से 7 किलोमीटर दूर सिकंदराबाद में अमित शाह ने हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाते हुए राष्ट्रीय ध्वज फहराया। शाह के साथ इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी मौजूद रहे।