क्या नागरिकता संशोधन क़ानून पारित होने के बाद सोशल मीडिया पर इसलामोफ़ोबिया का माहौल तैयार किया जा रहा है? क्या उनके ख़िलाफ़ नफ़रत का माहौल बनाया जा रहा है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि वॉट्सऐप पर एक के बाद एक सैकड़ों मैसेज डाले गए हैं और ट्विटर व फ़ेसबुक पर पोस्ट के अलावा मीम बना कर प्रसारित किए गए हैं।