आजकल सियासत पर बात करो तो मिर्ची और खुजली अपना असर दिखाने लगती है। इसलिए मेरी कोशिश होती है कि अब सियासत पर कम से कम बात करूँ लेकिन विवशता ये है कि इस देश में हर चीज पर सियासत का मुलम्मा चढ़ा हुआ है। मैं आज न राहुल गांधी की बात कर रहा हूँ और न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की। न इंडिया की और न घमंडिया की। एनडीए की तो बिलकुल नहीं। इन सब पर बात करने का कोई नतीजा निकल नहीं रहा। इसलिए मैं नून, तेल, लकड़ी की बात करना चाहता हूँ।