यूपी चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के बावजूद समाजवादी पार्टी के लिए भविष्य धूमिल नहीं हुआ है। इन नतीजों से एक तस्वीर यह भी साफ हुई है कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने पिछले चुनावों के मुकाबले अपना प्रदर्शन सुधारा है। 2017 विधानसभा चुनाव में उसे 47 सीटें मिली थीं, 2022 में वो अभी तक घोषित नतीजों में से 62 सीट जीत चुकी है। चुनाव आयोग के मुताबिक 51 पर बीजेपी ने बढ़त बना रखी है। इस तरह सपा को 113 सीटें मिलने जा रही है। 2022 में बीजेपी अधिकतम 253 पर सिमटती हुई नजर आ रही है।
2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी की विधानसभा वार सीटें कम होकर 274 पर आ गई थीं। इस बार 253 आने का अर्थ है कि बीजेपी का वोट प्रतिशत लगातार कम हो रहा है। ये नतीजे उस समय आये हैं जब देश की सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस का प्रदर्शन गर्त में जा चुका है। बीएसपी की मायावती और चंद्रशेखर आजाद के रूप में दूसरे दलित नेता ने निराश किया है। गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ के मुकाबले चंद्रशेखर आजाद को 7379 वोट मिले हैं। यह आज तक समझ में नहीं आया कि चंद्रशेखर तमाम बेहतर जगहों में से किसी एक जगह से लड़कर कम से कम विधानसभा तो पहुंच सकते थे। लेकिन उन्होंने मौका गवां दिया। योगी के खिलाफ उनका मैदान में उतरना एक नादानी के अलावा कुछ नहीं था।
अखिलेश को अभी खारिज करना जल्दबाज़ी होगी, सपा 2.0 का यह उदयकाल है
- राजनीति
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- 10 Mar, 2022
यूपी विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद सपा और अखिलेश यादव को तेजी से खारिज करने की कोशिश कतिपय टीवी चैनलों की बहसों में हो रही है। लेकिन दरअसल यह चुनाव सपा के लिए मौका लाया है और उसके हालात और बेहतर होने वाले हैं।
