राजस्थान के कोटा में जे.के. लोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय एवं न्यू मेडिकल कॉलेज नाम के एक सरकारी अस्पताल में 48 घंटों में 10 छोटे बच्चों की मौत के बाद हालाँकि राज्य सरकार ने अस्पताल के सुपरिटेंडेंट को हटा दिया और मामले की जाँच के आदेश दिए हैं। इस अस्पताल में एक माह में 77 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह सब ऐसे माहौल में हो रहा है जब एक तरफ़ प्रदेश सरकार ने 'निरोगी राजस्थान' की मुहिम शुरू की है और 'राइट टू हेल्थ' देने की तैयारी कर रही है। विपक्ष सवाल उठा रहा है तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि पिछले छह सालों में इस तरह से जान जाने के मामलों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि पहले किसी साल 1500, कभी 1400 और कभी 1300 मौतें हुई हैं, लेकिन इस बार क़रीब 900 मौतें हुई हैं। लेकिन सवाल है कि ये 900 मौतें भी क्यों हुईं?