कॉम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल यानी कैग का क्या काम है? क्या उसका काम सरकार के खातों की पड़ताल कर उसकी अनियमितताओं को उजागर करना है या फिर सरकार के कामों की तारीफ़ करना या उन पर पर्दा डालना है? कैग का क्या काम है, सरकार द्वारा किए गए सौदों की विवेचना करना या उस सौदे की किसी ऐसे सौदे से तुलना करना जो सौदा कभी हुआ ही नहीं? ये सवाल रफ़ाल मामले में संसद में पेश की गई कैग की रिपोर्ट से उठ रहे हैं।

संसद में पेश की गई कैग की रिपोर्ट से कई सवाल खड़े होते हैं। रिपोर्ट पढ़कर लगता है कि यह रफ़ाल सौदे पर मोदी सरकार की विवेचना कम करती है, उसे बचाती ज़्यादा है।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।