प्रोफेसर आनंद तेलतुमडे की गिरफ़्तारी पर शनिवार को महाराष्ट्र पुलिस को मुँह की खानी पड़ी। गिरफ़्तारी के 12 घंटे के अंदर ही पुणे की सत्र अदालत ने प्रफेसर तेलतुमडेकी रिहाई के आदेश जारी कर दिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 11 फ़रवरी के पहले तेलतुमडे को गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता। इस दौरान वह गिरफ़्तारी से बचने के लिए अदालत से अग्रिम ज़मानत के लिए अपील भी कर सकते हैं।

अदालत न दलित चिंतक आनंद तेलतुमडे की रिहाई का आदेश देते हुए उनकी गिरफ़्तारी पर पुलिस की तीखी आलोचना की है।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।