पंजाब की शीर्ष अफसरशाही ने बगावत की राह अख्तियार कर ली है। सूबे के तमाम पीसीएस (पंजाब लोक सेवा) के अधिकारी सरकार के खिलाफ विरोध करते हुए 5 दिन की सामूहिक छुट्टी पर चले गए हैं। यह अपने किस्म की एक 'हड़ताल' है जिसे अनुशासनात्मक कार्रवाई से बचने के लिए 'छुट्टी' का नाम दिया गया है। संकेत मिल रहे हैं कि सामूहिक अवकाश लंबा भी हो सकता है और राज्य में तैनात आईएएस अधिकारी भी पीसीएस अधिकारियों की मानिंद सामूहिक तौर पर 'लंबी छुट्टी' पर जा सकते हैं। राज्य के तमाम जिलों और उपमंडलों में प्रशासनिक काम सोमवार से एक दम ठप हो गया है।

पंजाब सरकार के राजनीतिक नेतृत्व और अफ़सरशाही के बीच आख़िर क्यों ठनी हुई है? पीसीएस अधिकारी आख़िर सामूहिक छुट्टी पर क्यों चले गए? जानिए, क्या हालात हैं।
पंजाब की पीसीएस एसोसिएशन और आईएएस एसोसिएशन ने एकजुट होकर सरकार के ख़िलाफ़ हाथ मिला लिए हैं। यह सूबे की भगवंत सिंह मान सरकार के लिए बहुत बड़ी मुसीबत का सबब है। हालाँकि स्थिति की नजाकत को देखते हुए मुख्यमंत्री ने पीसीएस और आईएएस अधिकारियों की एसोसिएशनों के साथ लंबी बैठक की लेकिन उसका कोई खास नतीजा सामने नहीं आया। सूत्रों के मुताबिक़ बैठक में राज्य के मुख्य सचिव भी शामिल थे और उनसे काफी कनिष्ठ 'नाराज अधिकारियों' ने उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई।