राहुल गांधी अब अनिच्छुक राजनेता नहीं रहे। भारत जोड़ो यात्रा ने उन पर लगा ये ठप्पा बहुत हद तक हटा दिया है, रहा सहा दाग इंडिया अलायंस में उनकी सक्रियता ने धुल दिया है। हालांकि वो इस वक्त कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं, मगर इसमें कोई दो राय नहीं कि पार्टी को लीड वही कर रहे हैं, और पार्टी का चेहरा भी वही हैं।


मगर यहां सवाल उससे बड़ा है-क्यां कांग्रेस को लीड कर रहे राहुल गांधी इंडिया अलायंस को भी लीड करने का माद्दा रखते हैं ?  क्या राहुल गांधी इंडिया गठबंधन का भी चेहरा बन सकते हैं? ये सवाल इसलिए कि तमाम मशक्कत और परोक्ष दावेदारियों के बाद भी इंडिया अलायंस को अब तक एक भरोसेमंद चेहरा नहीं मिल सका है।