अंग्रेज़ी अख़बार 'द हिन्दू' के खुलासे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर ज़बरदस्त हमला बोला है। राहुल ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने सारे नियमों की अनदेखी कर सौदे पर चल रही बातचीत में बीच में क्यों दखल दिया? राहुल ने कहा कि जिस समय रक्षा मंत्रालय रफ़ाल से बातचीत कर रहा था, ठीक उसी समय प्रधानमंत्री निजी दिलचस्पी लेकर ख़ुद समानान्तर बात कर रहे थे ताकि अनिल अंबानी को फ़ायदा पहुँचाया जा सके।
LIVE: Congress President @RahulGandhi addresses media on Rafale scam. #PakdaGayaModi https://t.co/33vWKJbGFB
— Congress (@INCIndia) February 8, 2019
राहुल ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने स्वयं एयरफ़ोर्स का 30 हज़ार करोड़ चोरी करके अनिल अंबानी को दिलवाया है। निर्मला सीतारमण ने झूठ बोला। नरेंद्र मोदी ने स्वयं झूठ बोला।'
राहुल गाँधी ने शुक्रवार की सुबह द हिन्दू के खुलासे के बाद दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कई आरोप लगाये। राहुल ने कहा, 'हम एक साल से ज़्यादा समय से कहते आ रहे हैं कि रफ़ाल सौदे में सीधे-सीधे प्रधानमंत्री ख़ुद शामिल हैं।' उन्होंने कहा कि अब जो नया खुलासा हुआ है, उससे यह साफ़ हो गया है कि रक्षा सचिव ने इस बात पर साफ़-साफ़ आपत्ति जताई थी कि फ्रांस सरकार के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय क्यों समानान्तर बातचीत चला रहा है। राहुल ने उप-सचिव रक्षा एस. के. शर्मा द्वारा 24 नवंबर, 2015 को तैयार किये गये आधिकारिक नोट के पैरा पाँच को पढ़कर सुनाया।
- इस नोट में एस. के. शर्मा मे लिखा था, 'यह साफ़ है कि पीएमओ की तरफ़ से चलायी जा रही समानांतर बातचीत से रक्षा मंत्रालय और (रफ़ाल सौदे पर फ़्रांस से बात कर रही) भारतीय टीम की स्थिति कमज़ोर हुई है। हमें प्रधानमंत्री कार्यालय से कहना चाहिए कि जो लोग भी सौदे पर बात कर रही भारतीय टीम के सदस्य नहीं हैं, उन्हें फ़्रांस सरकार के अधिकारियों से किसी भी प्रकार की समानांतर बातचीत से दूर रहना चाहिए। यदि प्रधानमंत्री कार्यालय को रक्षा मंत्रालय द्वारा की जा रही बातचीत के नतीजों को लेकर भरोसा नहीं है तो प्रधानमंत्री कार्यालय ख़ुद अपने स्तर पर बातचीत की कोई संशोधित प्रक्रिया तय कर दे।'
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रक्षा उप-सचिव के इसी नोट पर 1 दिसम्बर, 2015 को रक्षा सचिव जी. मोहन कुमार ने भी अपनी टिप्पणी लगाई थी, जिसमें उन्होंने लिखा था, 'आरएम (रक्षा मंत्री) कृपया इसे देखें। अच्छा हो कि प्रधानमंत्री कार्यालय इस तरह की बातचीत न करे क्योंकि इससे सौदा करने के मामले में हमारी स्थिति बहुत कमज़ोर हो जाती है।'
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राहुल गाँधी ने रक्षा मंत्रालय की फ़ाइल में दर्ज़ इन्हीं टिप्पणियों की चर्चा करते हुए कहा, 'रक्षा मंत्रालय ख़ुद ही यह कह रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय समानांतर बातचीत कर रहा था।'
इस विवाद पर राहुल गाँधी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बाद कांग्रेस ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए।
Signed, sealed & now delivered for the whole country to see. Your lies are out in the open Modiji, the Defence Ministry clearly opposed your interference in the Rafale deal & you have single handedly undermined India's position. #ChowkidarChorHai #PakdaGayaModi pic.twitter.com/8nGic1xH4V
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राहुल ने कहा, 'फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी मेरे पास आए और नरेंद्र मोदी जी ने मुझसे कहा कि अनिल अंबानी को यह डील मिलना है और एचएएल को परे करना है।' राहुल ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने यह साबित कर दिया है कि वह सच था और नरेंद्र मोदी जी रफ़ाल मामले में दोषी हैं।
हम सच्चाई को सामने लेकर आये और अब हम इसे और आगे ले जाएंगे। हमने अपना कर्तव्य निभाया, अब पत्रकारों का कर्तव्य है कि वो देश के लोगों को बताएं कि पीएम मोदी चोर हैं, मुझे कड़े शब्द बोलने पड़ रहे हैं, लेकिन ये सच है : कांग्रेस अध्यक्ष @RahulGandhi #PakdaGayaModi pic.twitter.com/pcoVZ9gzkO
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