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उप राष्ट्रपति चुनाव: कौन होगा एनडीए और विपक्ष का उम्मीदवार?

राष्ट्रपति के साथ ही उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए भी सरगर्मियां तेज हैं। सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी दल किसे उम्मीदवार बनाएंगे, इसे लेकर मंथन लगातार जारी है। एनडीए के उम्मीदवार के चयन के लिए बीजेपी के संसदीय बोर्ड की बैठक जल्दी होने वाली है जबकि 17 जुलाई को विपक्ष के नेता भी इस मामले में मंथन करने के लिए बैठक करने जा रहे हैं।

कांग्रेस के सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि  विपक्षी दल 17 जुलाई को बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे।

इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री ने भी सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है।

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खड़गे के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार चुने जाने के लिए सहमति दे दी है। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं है और विपक्षी दल जिसे उम्मीदवार बनाएंगे कांग्रेस उसे समर्थन देगी।

राष्ट्रपति के चुनाव में भी कांग्रेस ने कुछ विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन किया है। लेकिन राष्ट्रपति के चुनाव में विपक्षी एकता बुरी तरह ध्वस्त हो गई है। कई विपक्षी दल खुलकर एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में आगे आए हैं और इसके बाद यह सवाल उठ रहा है कि उप राष्ट्रपति के चुनाव में भी क्या विपक्षी एकता इसी तरह ढह जाएगी।

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6 अगस्त को होगा चुनाव

उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 6 अगस्त को होगा और उसी दिन नतीजे आ जाएंगे। चुनाव में नामांकन भरने की अंतिम तारीख 19 जुलाई है। ऐसे में कुछ ही दिन का वक्त उम्मीदवार के चयन के लिए बचा है। 

दूसरी ओर, बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, इस बारे में पार्टी सभी राजनीतिक दलों से बातचीत करेगी और उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाने की कोशिश करेगी। 

कौन होगा एनडीए का उम्मीदवार?

देखना होगा कि एनडीए की ओर से वर्तमान उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू क्या एक बार फिर से उम्मीदवार होंगे या फिर एनडीए किसी नए नेता को मौका देगा। 

Opposition on joint Vice Presidential candidate 2022 - Satya Hindi

क्या पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी एनडीए के उम्मीदवार हो सकते हैं। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो मुख्तार अब्बास नक़वी को एनडीए का उम्मीदवार बनाया जाना लगभग तय है।

नक़वी को उप राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा पिछले 3 महीनों से है। बीजेपी ने नक़वी को इस बार राज्यसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया था और रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया गया था। राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने की वजह से नक़वी को केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ना पड़ा था।

इसके अलावा राज्यसभा की पूर्व उप सभापति नजमा हेपतुल्ला, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का भी नाम संभावित उम्मीदवारों में है। 

उप राष्ट्रपति के चुनाव में राज्यसभा के 233 सांसदों के साथ ही 12 मनोनीत सांसद और लोकसभा के सभी 543 सांसद मतदान करते हैं। बीजेपी के पास अकेले लोकसभा और राज्यसभा में 394 सांसद हैं। ऐसे में निश्चित रूप से वह इस चुनाव में काफी आगे है। उप राष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं।

उप राष्ट्रपति के चुनाव में नामांकन के लिए किसी भी उम्मीदवार को प्रस्तावक के रूप में 20 सांसदों का और अनुमोदक के रूप में भी 20 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है। कोई भी उम्मीदवार अधिकतम चार नामांकन पत्र दाखिल कर सकता है। उम्मीदवारों को 15000 रुपये की सिक्योरिटी भी जमा करानी होती है। राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के चुनाव में ओपन वोटिंग का कोई प्रावधान नहीं है और यह सीक्रेट बैलेट के जरिए होती है। 

चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के चुनाव में अपना बैलेट किसी को भी दिखाया जाना मना है और राजनीतिक दल वोटिंग के मुद्दे पर अपने सांसदों को व्हिप भी जारी नहीं कर सकते।
राष्ट्रपति के चुनाव में जिस तरह कई जगहों पर मतदान होता है वैसा उप राष्ट्रपति के चुनाव में नहीं होता। उप राष्ट्रपति के चुनाव में वोटिंग संसद भवन में होती है। जबकि राष्ट्रपति के चुनाव में वोटिंग अमूमन तौर पर राज्यों की विधानसभाओं में कराई जाती है।

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क़मर वहीद नक़वी
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