आगामी लोकसभा चुनाव में अभी एक साल का वक्त बाकी है, लेकिन सियासी बिसात बिछनी शुरू हो गई है। भारी बहुमत से लगातार दो जीत दर्ज कर भाजपा आत्मविश्वास से लबरेज नजर आ रही है कि 2024 में वह जीत की हैट्रिक लगाएगी। इसके लिए भाजपा अभी से चुनाव की तैयारियां भी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल बिखरे नजर आ रहे हैं। ऐसे में बार- बार यह कहा जा रहा है कि विपक्षी दलों की एकता से ही 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराया जा सकता है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या यह संभव है कि सभी विपक्षी दल एक जुट होंगे।
विपक्षी दलों की एकता में सबसे बड़ी बाधा क्षेत्रीय दलों की महत्वाकांक्षा है। विपक्षी दलों में प्रधानमंत्री पद की लालसा रखने वाले कई नेता हैं जो कांग्रेस के नेतृत्व को स्वीकार करना नहीं चाहते। विपक्षी दलों में कितनी खींचतान है इसे हाल के दिनों में प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं के बयानों से समझा जा सकता है।