ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन की शुरुआती पैरवी करने वालों में से थीं। फिर उन्होंने लोकसभा चुनाव से ऐन पहले घोषणा कर दी कि वह इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव नहीं लड़ेंगी। फिर बीच चुनाव में उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन को बाहर से समर्थन देंगी। और अब उन्होंने कहा है कि वह इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। तो सवाल है कि आख़िर ममता बनर्जी का रुख बार-बार बदल क्यों रहा है?