कहा जा रहा है कि अजित पवार के साथ केवल 14 ही विधायक है जिसमें से नौ मंत्री बन गये हैं और शरद पवार ने साफ इशारा दे दिया है कि 23 जुलाई से होने वाले सत्र में दिख जायेगा कि 40 से ज्यादा विधायक अब भी शरद पवार के पास है। तब खेल एकदम से पलट जायेगा। इस एक वार से पवार ने जहां एक तरफ अपने भतीजे को एक्सपोज करते हुए बेटी सुप्रिया की राह एकदम साफ कर दी है क्योंकि अब न तो कार्याध्य़क्ष प्रफुल्ल पटेल रहेंगे ना अजित पवार और ना ही ओबीसी के चेहरे छगन भुजबल। यही कारण है कि शायद प्रफुल्ल पटेल के सबसे करीबी और केस में फंसे होकर भी अनिल देशमुख उनके साथ नही गये और पटेल की ही उपज नरेंद्र वर्मा भी खिलाफ में बोल रहे हैं।
अजीत पवार की बगावत - कहीं ये शरद पवार का खेल तो नहीं
- राजनीति
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- 4 Jul, 2023

संदीप सोनवलकर
महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में ये खबर जोर पकड़ने लगी है कि चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार ने ही ये पूरी बिसात रची है और उनकी इस बिसात में अजित पवार और बीजेपी के देवेंद्र फणनवीस फंस गये। पत्रकार संदीप सोनवलकर का विश्लेषणः
कहने वालों का दावा है कि इस खेल में देवेंद्र फणनवीस जो हमेशा से शरद पवार से पंगा लेते रहे है उनसे भी शरद पवार ने बदला ले लिया क्योंकि इस बार भी इस शपथग्रहण की रचना देवेंद्र ने रची थी। कहा ये भी जा रहा है कि दिल्ली से अमित शाह ने ये होने दिया क्योकिं पिछली बार देवेंद्र ने उनसे राष्ट्रपति शासन हटवाकर उनको नीचा दिखा दिया था।
संदीप सोनवलकर
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं