क्या किसान आंदोलन को ‘अल्ट्रा लेफ़्ट’ द्वारा अगवा किये जाने के 'इंटेलिजेंस ब्यूरो' के आरोप में सचाई है? क्या सचमुच बीजेपी के केंद्रीय नेताओं के इस आरोप में दम है कि इस समूचे ‘आंदोलन’ का केंद्र बने पंजाब के किसान आंदोलन पर लेफ़्ट हावी है? आज़ादी के बाद के दशकों में हुए देश के सबसे बड़े किसान आंदोलन को घूम फिर कर लेफ़्ट के साथ जोड़कर क्यों देखा जा रहा है? क्या लेफ़्ट वाक़ई नए सिरे से प्रभावशाली शक्ति के रूप में उभर रहा है?