छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने रायपुर में कहा कि ''बीजेपी विधायक दल की बैठक रविवार 10 दिसंबर को होगी। अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवाल और दुष्यंत गौतम विधायक दल की बैठक में मौजूद रहेंगे।'' भाजपा के तीनों पर्यवेक्षक शनिवार शाम 7.30 बजे तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंच जाएंगे और अगले दिन रविवार को विधायकों की बैठक होगी।
चार राज्यों के चुनाव नतीजे रविवार 3 दिसंबर को ही आ गए थे। जिसमें से छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भाजपा को जीत मिली जबकि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनी। कांग्रेस ने तो तीन दिन में सीएम की घोषणा करके शपथ ग्रहण भी करा दिया। लेकिन तेलंगाना में देरी के लिए कांग्रेस पर सवाल उठाने वाली भाजपा सात दिनों बाद भी अपने चेहरे तय नहीं कर सकी।
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छत्तीसगढ़ को लेकर व्यापक रूप से अटकलें हैं कि डॉ. रमन सिंह, जो 2018 तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री थे, को दोहराया नहीं जाएगा। हालांकि कहा जाता है कि भाजपा किसी ओबीसी या आदिवासी मुख्यमंत्री पद के लिए उत्सुक है, लेकिन पार्टी को डॉ. सिंह की ओर से किसी विरोध की आशंका नहीं है। भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 54 सीटें जीत लीं और कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया। हालांकि सभी एग्जिट पोल ने वहां बघेल की सरकार फिर से बनने की बात कही थी। लेकिन सभी एग्जिट पोल गलत साबित हुए।
मध्य प्रदेश में बैठक सोमवार को
सोमवार को शाम 4 बजे भोपाल में बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, डॉ के लक्ष्मण और आशा लाकड़ा विधायक दल के नेता के चुनाव की पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। दिल्ली में बीजेपी सूत्रों की मानें तो सोमवार शाम तक ही मध्य प्रदेश के सीएम पद की घोषणा होने की संभावना है। पार्टी इस बार निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चेहरे के साथ चुनाव में नहीं उतरी थी और उसे 199 में से 163 सीटों का भारी जनादेश मिला। इस बीच, चौहान के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसका मतलब यह लगाया जा रहा है कि चौहान को पार्टी ने एक तरह से विदा कर दिया है।राजस्थान में मामला फंसा हुआ है
भाजपा अभी तक राजस्थान का मामला हल नहीं कर सकी है। राजस्थान में असली अड़चन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे हैं जो मान नहीं रही हैं। हालांकि वहां उसने अपने सबसे मजबूत केंद्रीय पर्यवेक्षकों केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सांसद सरोज पांडे और विनोद तावड़े को नियुक्त किया है। वहां सीएम रेस में मुख्य रूप से दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौड़ और किशोरी लाल मीणा शामिल हैं। तिजारा से विधायक चुने गए और पहले से सांसद योगी बालकनाथ ने भी खुद को इस दौड़ में शामिल कर लिया था। लेकिन पार्टी की बेरुखी को देखते हुए योगी बालकनाथ ने शनिवार को एक ट्वीट करके खुद को इस रेस अलग कर लिया और कहा कि वो पीएम मोदी के साथ काम करते रहेंगे। उनके बारे में सभी बातें नजरन्दाज की जाएं।वसुंधरा राजे ने एक दिन पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी लेकिन नड्डा की ओर से उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला। वसुंधरा अभी भी दिल्ली में ही हैं और हरी झंडी का इंतजार कर रही हैं। जबकि पार्टी की हरी झंडी किसी और के लिए है और समझा जाता है कि राजस्थान में भी सोमवार तक पार्टी कोई न कोई फैसला ले लेगी। पार्टी दरअसल, इस बात से परेशान है कि राजस्थान के 25-30 विधायक वसुंधरा राजे से मिलकर उनमें अपनी आस्था जता चुके हैं।
इसके अलावा, भाजपा विधायक ललित मीणा के पिता ने आरोप लगाया कि उनके बेटे और पांच अन्य विधायकों को वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह ने एक रिसॉर्ट में रखा था, जिससे मामला और जटिल हो गया। गुरुवार रात उन्होंने अपने बेटे के साथ दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से एक घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की। अब, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि क्या यह बताना है कि वह हॉट सीट पर होंगी या उन्हें किसी नए चेहरे के साथ जाने के लिए पार्टी के फैसले के साथ जाना होगा।
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भाजपा 15 दिसंबर तक तीनों राज्यों में अपना सीएम चाहती है। क्योंकि 16 दिसंबर से मलमास शुरू हो रहा है, जिसे खरमास भी कहा जाता है। सनातन धर्म और हिन्दू परंपरा में खरमास को अशुभ माना जाता है और सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। अगर बीजेपी इस तारीख से चूक गई तो उसे एक महीने और इंतजार करना होगा। राजस्थान में बीजेपी ने 115 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की। तीनों राज्यों में पार्टी बिना सीएम उम्मीदवार के चुनाव में उतरी, उसने सिर्फ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा पेश किया।
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