‘हार्वर्ड पर हार्डवर्क भारी’ जुमले वाली मोदी सरकार को यह समझने में पूरे पाँच साल कैसे लगे कि उसके आयकर एवं अप्रत्यक्ष कर ओमबड्समैन यानी लोकपाल किसी खेत में खड़े बजूका जितने भी असरदार नहीं है। इसी बिनाह पर साल 2019 में इन लोकपालों के पद ही ख़त्म कर देने वाली बीजेपी सरकार अब फिर कर-लोकपाल संस्था गठित करने जा रही है। तुर्रा यह कि उसे व्यापक अधिकारों से लैस किया जाएगा जबकि सूचना के अधिकार को बीजेपी सरकार ने पिछले छह साल में भोथरा ही कर दिया!