1977 के लोकसभा चुनाव के बाद एक शख़्स इंदिरा गाँधी को लेकर बहुत चिंतित था। यह वही शख़्स था जिसने केंद्र में कांग्रेस के तीस साल के अनवरत शासन के अंत की पटकथा लिखी थी यानी जयप्रकाश नारायण। उनकी चिंता थी कि उनके बड़े भाई जैसे जवाहरलाल नेहरू की बेटी और उनकी भतीजी इंदु अब घर ख़र्च कैसे चलायेगी। उन्हें पता था कि नेहरू-गाँधी परिवार ने अपनी सारी सम्पत्ति देश के नाम कर दी है। इंदिरा गाँधी से बदला लेने को आतुर जनता पार्टी के तमाम नेताओं को उन्होंने आगाह किया और इंदिरा गाँधी से मिलने उनके घर गये।