मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि उनके प्रदेश में सरकारी नौकरियां अब मध्य प्रदेश के लोगों को ही दी जाएंगी। चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश की नौकरियां अन्य प्रदेशों के लोगों को नहीं हथियाने दी जाएंगी। मुख्यमंत्री की यह घोषणा स्वाभाविक है। इसके तीन कारण हैं।
योग्यता के आधार पर दी जाएं सरकारी नौकरियां, भेदभाव क्यों?
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- 21 Aug, 2020

शिव सेना ने महाराष्ट्र में ‘मराठी मानुस’ का नारा दिया था। 2008 में महाराष्ट्र सरकार ने नियम बनाया था कि जिस उद्योग को सरकारी सहायता चाहिए, उसके 80 प्रतिशत कर्मचारी महाराष्ट्र के ही होने चाहिए। गुजरात सरकार ने भी कुछ इसी तरह के निर्देश जारी किए थे। आंध्र, तेलंगाना और कर्नाटक में भी यही प्रवृत्ति देखी गई है।
पहला, कोरोना की महामारी के कारण बेरोजगारी इतनी फैल गई है कि इस घोषणा से स्थानीय लोगों को थोड़ी सांत्वना मिलेगी। दूसरा, कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घोषणा की थी कि मप्र सरकार की 70 प्रतिशत नौकरियां राज्य के लोगों के लिए आरक्षित की जाएंगी। ऐसे में चौहान पीछे क्यों रहेंगे? तुम डाल-डाल तो हम पात-पात।