26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर किसानों की प्रस्तावित परेड में एक गुट द्वारा हिंसा की गई। हालाँकि समूची इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की रिपोर्टिंग आईटीओ, बादली और नांगलोई में होने वाली छिटपुट हिंसा पर ही केंद्रित थी, जबकि 95 फ़ीसदी किसानों की ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्वक चलती रही। हिंसा की ख़बर मिलते ही किसान नेताओं ने बयान जारी करके साफ़ कर दिया कि लाल क़िले की ओर कूच करने वाले, किसान मोर्चा के निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं।