बीजेपी ने वक़्फ़ क़ानून पास तो करा लिया लेकिन इसके साथ ही मुस्लिम मुद्दों पर भारतीय राजनीति में विभाजन ज़्यादा मुखर रूप में सामने आ गया। एनडीए में शामिल बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू और तेलुगू देशम पार्टी के साथ साथ शिवसेना (शिंदे), एनसीपी (अजित पवार), एलजेपी और आरएलडी जैसी पार्टियों ने वक़्फ़ बिल का समर्थन करके ये बता दिया कि अंततः वे सरकार के साथ ही रहेंगे। इनमें से कई पार्टियों के नेता मुस्लिम विरोधी नहीं माने जाते हैं और उन्हें स्थानीय स्तर पर मुसलमानों का कुछ समर्थन भी मिलता है।

वक़्फ़ बिल ने भारतीय राजनीति का सांप्रदायिक आधार पर विभाजन तेज कर दिया है। विरोध प्रदर्शनों में कांग्रेस और अन्य ग़ैर-एनडीए पार्टियाँ ज़्यादा जोश से भाग ले रही हैं।
दूसरी तरफ़ ग़ैर- बीजेपी पार्टियों ने साफ़ कर दिया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले आईएनडीआईए गठबंधन में और चाहे जिस मुद्दे पर विवाद हो, मुस्लिम मुद्दों पर साथ बरक़रार रहेगा। लोकसभा में एनडीए के 293 सदस्य और 8 प्रमुख पार्टियां हैं। इनमें से किसी एक भी पार्टी ने संसद में वक़्फ़ बिल का विरोध नहीं किया। हालांकि देर रात मतदान के समय 293 में से 288 सदस्य ही उपस्थित थे।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक