बीजेपी ने वक़्फ़ क़ानून पास तो करा लिया लेकिन इसके साथ ही मुस्लिम मुद्दों पर भारतीय राजनीति में विभाजन ज़्यादा मुखर रूप में सामने आ गया। एनडीए में शामिल बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू और तेलुगू देशम पार्टी के साथ साथ शिवसेना (शिंदे), एनसीपी (अजित पवार), एलजेपी और आरएलडी जैसी पार्टियों ने वक़्फ़ बिल का समर्थन करके ये बता दिया कि अंततः वे सरकार के साथ ही रहेंगे। इनमें से कई पार्टियों के नेता मुस्लिम विरोधी नहीं माने जाते हैं और उन्हें स्थानीय स्तर पर मुसलमानों का कुछ समर्थन भी मिलता है।