यह कहानी राज्यपाल रोमेश भंडारी से जुड़ी है। भंडारी जी भारतीय विदेश सेवा के अफ़सर। त्रिपुरा, गोवा और उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रहे। मजेदार और रंगीले आदमी थे। विवादों से उनका चोली-दामन का रिश्ता था। रोमेश भण्डारी अब दुनिया में नहीं हैं। अपनी परंपरा में किसी के जाने के बाद खराब बात नहीं करते। इसलिए बात सिर्फ उनके ठाट बाट की। वे देश के सबसे विवादास्पद राज्यपालों में थे। राजसी अंदाज। कायदे क़ानून को ठेंगे पर रख उनकी लाटसाहबी के क़िस्से मशहूर थे। गहरे दोस्तबाज और अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने वाले। व्यक्तित्व में बेबाकी उन्हें अकसर फंसा देती। उनसे मेरा ‘लव एंड हेट’ का रिश्ता था। उन्होंने मुझसे दोस्ती और दुश्मनी दोनों की। राज्यपाल रहते प्रेस काउंसिल में मेरे खिलाफ मुकदमा किया। एक दौर था जब वे उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर तप रहे थे। मुझे देखते ही भड़क जाते। मैंने भी उनकी भरपूर सेवा की। बाद में यह झगडा, रगड़ा में बदल गया।
जब रोमेश भंडारी के कारण एक वक्त में यूपी में दो-दो सीएम बन गए थे!
- विचार
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- हेमंत शर्मा
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- 17 Feb, 2025


हेमंत शर्मा
जानिए उस ऐतिहासिक राजनीतिक संकट के बारे में जब यूपी में एक समय दो मुख्यमंत्री बन गए थे और तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी की क्या भूमिका थी। पढ़ें पूरी कहानी।
त्रिपुरा, गोवा और उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रहते वे हमेशा विवादों में घिरे रहे। रंगीन मिजाज थे। जब कांग्रेस में थे तो 24 अकबर रोड पर खुली जीप से आते जिसे वे खुद चला रहे होते। लोग उनके क़िस्से चटखारे ले बताते। महामहिम ने राजभवन के अंदर ही हैलीपैड बनवा लिया। वे राजभवन से ही सीधे उड़ने लगे। राजभवन की शामें राजनीतिक गॉसिप का मुख्य विषय होने लगीं।
हेमंत शर्मा
हेमंत शर्मा वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने 'युद्ध में अयोध्या' सहित कई किताबें लिखी हैं।