रामजन्मभूमि का सवाल पिछले कई महीनों से राजनीतिक विमर्श की मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रही भारतीय जनता पार्टी अब उस विषय को उतना महत्व नहीं दे रही है जितना मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनावों की तैयारी के पहले दे रही थी। इसका कारण शायद यह है कि अब बीजेपी को यह अंदाज़ा लग गया है कि अयोध्या के विवाद को मुद्दा बनाने से अब उतना राजनीतिक लाभ नहीं मिल रहा है जो अब तक मिला करता था। पाँच विधानसभा चुनावों की तैयारी के दौरान तो आरएसएस और बीजेपी के नेता, दिन-रात रामजन्म भूमि और मुसलिम विरोध को अपनी बातचीत का थीम साँग बनाकर चल रहे थे। राज्य सभा और लोकसभा में उनकी पार्टी के नेता प्राइवेट मेम्बर बिल लाने की बात कर रहे थे।