लंबे संघर्षों के बाद आख़िरकार कामगारों के 8 घंटा काम के जिस अधिकार को 'अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन’ (आईएलओ) ने 1919 में मान्यता दी थी, ठीक एक सदी बाद क्या इस तरह अपनी आँखों के सामने उन्हें 'उड़नछू' हो जाते वह देखता रहेगा? भारतीय ट्रेड यूनियन परिसंघ के सूत्रों की मानें तो आईएलओ बहुत जल्द भारत को 'कारण बताओ नोटिस' जारी करने जा रहा है। अपने सख़्त एतराज़ में मज़दूर परिसंघ ने श्रमिकों के ‘अंतरराष्ट्रीय संगठन’ से इस मामले में कार्रवाई की माँग की है। ‘वे (आईएलओ) भारत पर प्रतिबन्ध भी लगा सकते हैं।’