भारत सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आई है। इसमें स्थानीय भाषा में शिक्षा, तकनीकी और रोज़गार परक शिक्षा, ग्रेजुएशन 3 साल से बढ़ाकर 4 साल का करने का प्रस्ताव है। हिंदुत्व की परिकल्पना पेश करने वाले पहले राष्ट्रवादी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने भी कुछ इसी तरह की शिक्षा का सपना देखा था।