भारत सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आई है। इसमें स्थानीय भाषा में शिक्षा, तकनीकी और रोज़गार परक शिक्षा, ग्रेजुएशन 3 साल से बढ़ाकर 4 साल का करने का प्रस्ताव है। हिंदुत्व की परिकल्पना पेश करने वाले पहले राष्ट्रवादी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने भी कुछ इसी तरह की शिक्षा का सपना देखा था।
पिछड़ी जाति के बच्चों की उच्च शिक्षा के पक्ष में नहीं थे तिलक, आजीविका छिनने का डर था!
- विचार
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- 29 Mar, 2025

भारत सरकार नई शिक्षा नीति में जैसे प्रस्ताव है, हिंदुत्व की परिकल्पना पेश करने वाले पहले राष्ट्रवादी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने भी कुछ इसी तरह की शिक्षा का सपना देखा था।
अगर हम उच्च शिक्षा की बात करें तो सरकार ने निम्नलिखित प्रमुख प्रस्ताव रखे हैं-
1. यूजीसी और एआईसीटीसी की जगह हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ़ इंडिया बनेगा।2. उच्च शिक्षा को विदेशी क़ारोबारियों के लिए खोला जाएगा।3. एग्ज़िट ऑप्शन के साथ 4 साल का मल्टी डिसिप्लिनरी ग्रेजुएशन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। यानी विज्ञान, कला या वाणिज्य जैसे विभेद नहीं रहेंगे और विद्यार्थियों को एक स्तर तक पढ़ाई कर बीच में कोर्स छोड़ने का विकल्प होगा।4. एमफ़िल का कार्यक्रम ख़त्म किया जाएगा।5. नैशनल रिसर्च फ़ाउंडेशन का गठन होगा।