महाराष्ट्र के कोंकण प्रदेश (रत्नागिरि) में एक अमीर चितपावन ब्राह्मण परिवार में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक (23 जुलाई 1856 से 1 अगस्त 1920) का जन्म हुआ। इनके पिता गंगाधर रामचंद्र तिलक एक धर्मनिष्ट ब्राह्मण थे। तिलक के बाबा के पास 48 एकड़ ज़मीन थी। 1866 में तिलक के पिता गंगाधर की मासिक आमदनी 3,900 रुपये थी, जो पेशे से महाजनी का काम करते थे और मिल में शेयरधारक थे। उन्हें संपन्न परिवार का होने का लाभ मिला और 1879 में उन्होंने बीए और उसके बाद क़ानून की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने उच्च अंग्रेज़ी शिक्षा हासिल की।
हिंदुत्व की परिकल्पना पेश करने वाले पहले राष्ट्रवादी थे बाल गंगाधर तिलक
- विचार
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- 2 Aug, 2020

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 100वीं पुण्यतिथि पर ख़ास। एक अगस्त 1920 को उनका मुंबई में देहांत हो गया था।
तिलक का हिंदुत्व
1880 के दशक में तिलक ने राष्ट्रवादी के 2 महत्त्वपूर्ण गुण बताए। पहला, उसकी वर्णाश्रम धर्म में पूरी आस्था हो। दूसरा, वह सुधारकों के पूरी तरह ख़िलाफ़ हो। तिलक ने 1884 में पहली बार हिंदुइज़्म से अलग हिंदुत्व की परिकल्पना पेश की। उन्होंने बार-बार ब्रिटिश सरकार से अपील की कि धार्मिक तटस्थता की नीति त्यागकर जातीय प्रतिबंधों को कठोरता से लागू करे। जब ब्रिटिश सरकार ने उनके आवेदनों पर ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने देशी राजाओं का रुख़ किया। उन्होंने कोल्हापुर के युवा महाराज छत्रपति साहू जी को सलाह दी कि वह हिंदुत्व पर गर्व को लेकर गंभीरता से काम करें और वर्णाश्रम धर्म को कड़ाई से लागू करें।