उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण मतदाताओं में ज़बरदस्त नाराज़गी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सत्ता में आने के बाद इस समाज को उम्मीद जगी थी कि कुछ बेहतर होगा। अब वे ख़ुद को ठाकुर बनाम ब्राह्मण की लड़ाई में घिरे पा रहे हैं। विकास दुबे और उस मामले में एक नाबालिग का एनकाउंटर सहित प्रदेश में ब्राह्मणों की लगातार हत्याओं से ब्राह्मण समाज आक्रोशित है। राज्य में लगातार हो रही हत्याओं के ख़िलाफ़ ब्राह्मण समाज ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भी दिया है। विकास दुबे की पत्नी व बेटे की घुटनों पर बैठी तसवीरें, गिरफ्तारी के बाद विकास दुबे का एनकाउंटर लोगों को चिढ़ा रही हैं। गूगल सर्च में ब्राह्मण, हत्या, उत्तर प्रदेश जैसे कीवर्ड एक साथ डालने पर दर्जनों ख़बरें खुलने लगी हैं, जिनमें सरकार के प्रति ख़ासी नाराज़गी झलकती है।
यूपी में ब्राह्मणों की नाराज़गी का लाभ उठा सकती है कांग्रेस
- विचार
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- 30 Jul, 2020

उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण मतदाताओं में ज़बरदस्त नाराज़गी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सत्ता में आने के बाद इस समाज को उम्मीद जगी थी कि कुछ बेहतर होगा। अब वे ख़ुद को ठाकुर बनाम ब्राह्मण की लड़ाई में घिरे पा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस सक्रिय हैं जो लगातार उत्तर प्रदेश में अपराधियों के क़ब्ज़े का आरोप लगा रही हैं। बहुजन हिताय का नारा छोड़ सर्वजन हिताय और ब्राह्मणवाद का विरोध छोड़ ‘हाथी नहीं गणेश है, ब्रह्मा विष्णु महेश है’ का नारा लगवाकर 2007 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से सत्ता में आने वाली मायावती ब्राह्मणों को लुभाने में लग गई हैं।