आखिरकार हक़ीक़त सामने आ ही गयी। आरएसएस ने जातिवार जनगणना के विरोध की सार्वजनिक घोषणा कर दी है। कुछ दिन पहले नागपुर के संघ मुख्यालय में हुई बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायकों को संबोधित करते हुए आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक और विदर्भ प्रांत के प्रमुख श्रीधर घाडने ने साफ़ कहा, “हम इसमें कोई फ़ायदा नहीं बल्कि नुकसान देखते हैं। यह असमानता की जड़ है और इसे बढ़ावा देना उचित नहीं है।”
जाति जनगणना का विरोध करते आरएसएस के हाथ में मनुस्मृति का झंडा है
- विचार
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- 22 Dec, 2023

जाति भारत की एक तल्ख सच्चाई है। जब भी भारत में हिन्दुओं को विभिन्न जातियों में बांटा गया होगा, जरूर उसके कुछ तर्क रहे होंगे। आरएसएस और भाजपा जो भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने पर आमादा हैं, उनके रास्ते में सबसे बड़ी बाधा जाति है। लेकिन जाति जनगणना के समर्थन में बन रहे माहौल को देखकर आरएसएस ने चालाकी से अपना स्टैंड बदला है लेकिन उसके साथ शर्त भी जोड़ दी है। इस गहराई को वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव से समझिएः