आखिरकार हक़ीक़त सामने आ ही गयी। आरएसएस ने जातिवार जनगणना के विरोध की सार्वजनिक घोषणा कर दी है। कुछ दिन पहले नागपुर के संघ मुख्यालय में हुई बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायकों को संबोधित करते हुए आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक और विदर्भ प्रांत के प्रमुख श्रीधर घाडने ने साफ़ कहा, “हम इसमें कोई फ़ायदा नहीं बल्कि नुकसान देखते हैं। यह असमानता की जड़ है और इसे बढ़ावा देना उचित नहीं है।”