गोवा मुक्ति दिवस (19 दिसंबर) के आस-पास प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस को कोसने के लिए बीजेपी की ओर से बयानबाज़ी शुरू हो जाती है। ये सिलसिला दो साल से खासतौर पर तेज़ है जब प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में भाषण देते हुए आरोप लगाया था कि पं. नेहरू चाहते तो भारत के साथ-साथ गोवा को भी आज़ादी मिल जाती।
गोवा की आज़ादी में देरी क्यों हुई थी?
- विचार
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- 26 Dec, 2023

गोवा को आज़ादी मिलने में भारत की आज़ादी के बाद भी 15 साल क्यों लग गए? क्या इसके लिए ज़म्मेदार नेहरू थे? जानिए, क्या वास्तविक स्थिति थी।
यही नहीं, गोवा के 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी जी ने इसे जमकर मुद्दा बनाया। 10 फरवरी 2022 को मापुसा में आयोजित एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि ‘लोग गोवा की आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहे थे। लेकिन पं. नेहरू ने उनका समर्थन नहीं किया। इसलिए देश की आज़ादी के 15 साल बाद गोवा को आजादी मिली। प्रधानमंत्री नेहरू ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि वो गोवा की मुक्ति के लिए सेना नहीं भेजेंगे। अगर उन्होंने सेना भेज दी होती तो भारत को आजादी मिलने के कुछ घंटों के भीतर ही गोवा को गुलामी से मुक्त किया जा सकता था।’