संघ प्रमुख मोहन भागवत अगर एक लम्बे समय से सिर्फ़ एक बात दोहरा रहे हैं कि हिंदुओं को ताक़तवर बनने (या उन्हें बनाए जाने) की ज़रूरत है तो इसे एक गम्भीर राष्ट्रीय मुद्दा मान लिया जाना चाहिए। भागवत लगातार चिंता जता रहे हैं कि हिंदुओं की संख्या और शक्ति कम हो गई है। उनमें हिंदुत्व का भाव कम हो गया है।