राम जन्मभूमि मंदिर परिसर की ज़मीनों, इमारतों, चबूतरों, दुकानों और जायदादों का अधिग्रहण करके केंद्र सरकार ने अयोध्या विवाद को बरसों से चल रही मुक़दमेबाज़ी से मुक्त करके राष्ट्रीय समाधान का विषय बना दिया। बाबरी मसजिद इस क्षण मुसलमानों की नहीं है और शिलान्यास स्थल इस क्षण हिंदुओं का नहीं है। जो स्थगन आदेश इलाहाबाद हाइकोर्ट ने दे रखा था उसका भी अब कोई अस्तित्व नहीं। क़ानूनी स्थगन आदेश समाप्त हो चुका है लेकिन नैतिक स्थगन आदेश मौजूद है, जिसका पालन करते हुए सरकार ने यथास्थिति को बनाए रखने का वादा किया है।