5 सितंबर, शिक्षक दिवस पर मोदी और योगी सरकार को 'सबक़ सिखाने' के लिए मुज़फ़्फ़रनगर में किसानों की महापंचायत हुई। 22 राज्यों से लाखों की तादात में पहुँचे किसानों ने अपनी ताक़त का एहसास कराया और स्पष्ट संकेत दिया कि किसान आंदोलन किसी भी क़ीमत पर अपनी मांगों को मनवाए बिना समाप्त नहीं होगा। किसानों ने पूरे धैर्य और संयम के साथ एकजुटता दिखाते हुए मोदी और योगी सरकार के ख़िलाफ़ 'वोट की चोट' का खुला ऐलान किया। योगेंद्र यादव ने मंच से चुनाव में सबक़ सिखाने और बीजेपी को हटाने का आह्वान किया। उन्होंने इंद्र के मिथक के सहारे कहा कि जब इंद्रासन डोलता है, तभी वह चैतन्य होता है। लगता है सोई हुई सरकार तभी हमारी मांगें मानने के लिए तैयार होगी, जब उसकी सत्ता डोलेगी।