प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में तो अक्सर संसद की महिमा और उसकी सर्वोच्चता का खूब बखान करते हैं। वे विपक्षी दलों पर संसद की अवमानना करने का आरोप लगाते हुए उन्हें संसद का सम्मान करने की नसीहत भी अक्सर देते रहते हैं। लेकिन खुद प्रधानमंत्री और उनकी सरकार संसद का और संसदीय परंपराओं को कितना महत्व देती है या उनका सम्मान करती है, यह इस बात से ही जाहिर हो जाता है कि 17वीं लोकसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव तक नहीं हो पाया है, जबकि लोकसभा का चुनाव हुए 15 महीने हो चुके हैं। यही नहीं, संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में भी उप सभापति का पद पिछले चार महीने से खाली है।

संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में भी उप सभापति का पद पिछले चार महीने से खाली है।
आगामी 14 सितंबर से संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने वाला है। संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी की सिफारिश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है और अधिसूचना भी जारी हो गई है। 14 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर तक चलने वाला यह सत्र 17 वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद का चौथा सत्र होगा।