पाँच विधानसभा चुनाव के नतीजे आते ही तमाम ‘सेक्युलर बुद्धिजीवियों’ (लिबरल्स) का एक तबका कांग्रेस से फिर ख़फ़ा हो गया है। उसके निशाने पर एक बार फिर राहुल गाँधी हैं जिनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से उपजे माहौल ने इन बुद्धिजीवियों को पुनर्विचार के लिए मजबूर किया था और कर्नाटक और हिमाचल में कांग्रेस की जीत ने राहुल या गाँधी परिवार की उनकी तमाम आलोचनाओं पर ताला लगा दिया था।