राहुल गांधी ने ‘लिंचिंग’ पर मुंह खोला ही था, ट्वीट (चूं-चूं की आवाज़ निकालना समझें) किया ही था कि वे खुद लिंचिंग के घेरे में आ गये। मीडिया, सोशल मीडिया, टीवी चैनल हर जगह राहुल गांधी ही नहीं पूरे गांधी परिवार पर ‘हमले’ शुरू हो गए। बीजेपी नेता तो ऐसे राहुल गांधी के पीछे पड़ गये हैं मानो वे उनकी ज़ुबान ही खींच लेना चाहते हों।
राहुल गांधी की सियासी ‘लिंचिंग’ पर आमादा बीजेपी
- विचार
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- 22 Dec, 2021

राहुल गांधी ने बीजेपी की सियासत के नफरती आधार पर हमला बोला लेकिन उनके ‘लिंचिंग’ वाले ट्वीट के बाद बीजेपी के तमाम नेता उनके ख़िलाफ़ मैदान में कूद पड़े।
निहत्थे पर भीड़ की क्रूरता मॉब लिंचिंग होती है। भीड़ उसे ख़ामोश कर देती है जिसकी आवाज़ उसे नापसंद होती है या फिर जिसके अस्तित्व को भीड़ बर्दाश्त करना नहीं चाहती। इसी तर्ज पर सियासी दुनिया में विपक्ष पर सत्ता पक्ष की ओर से विपक्ष की आवाज़ को ख़ामोश कर देने के लिए चारों ओर से किया जा रहा हमला भी राजनीतिक बर्बरता है, मॉब लिंचिंग है।