प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने आज (26 मई को) अपने नेतृत्व के नौ साल पूरे कर लिए। मुख्यमंत्री के तौर पर गुजरात में बीता उनका तेरह साल का कार्यकाल भी अगर शामिल कर लें तो उम्र का लगभग एक तिहाई दो सत्ताओं में बिताया माना जा सकता है। अगले साल संभावित लोकसभा के चुनाव-परिणामों को लेकर अभी से चाहे कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती हो, प्रधानमंत्री ने तो अगले साल के लिए अपने कार्यक्रम घोषित कर दिए हैं। कर्नाटक में पार्टी की पराजय के तत्काल बाद हिरोशिमा (जापान) पहुँचकर प्रधानमंत्री ने घोषणा कर दी कि चार देशों (अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत) के अंतरराष्ट्रीय संगठन ‘क्वाड’ के शिखर पुरुषों की अगली शीर्ष वार्ता 2024 में भारत में आयोजित होगी।
पीएम के नौ साल: ‘चायवाले’ का बेटा कहीं ग़ायब हो गया है?
- विचार
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- 26 May, 2023

नरेंद्र मोदी ने 9 साल पहले 2014 में आज ही के दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। तब उन्होंने देशवासियों को जो सपने दिखाए थे, वे कितने पूरे हुए? क्या वह 9 साल पहले वाले ही मोदी रह गए हैं?
प्रधानमंत्री के करोड़ों समर्थकों के उत्साह के विपरीत उनके भीतरी और बाहरी आलोचकों को अगर मोदी के नौ साल सौ साल जैसे लगते हों तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए! इसे मोदी के व्यक्तित्व का चमत्कार या डर का प्रतीक माना जा सकता है कि एक बड़ी आबादी के दिल और दिमाग़ पर प्रधानमंत्री की उपस्थिति चौबीसों घंटे बनी रहती है! हर शख़्स को यही लगता है कि पीएम कहीं पास ही खड़े उसकी सारी बातें सुन रहे हैं!