प्रधानमंत्री के लिए राज्यों के विधानसभा चुनाव किसी भी क़ीमत पर जीतना ज़रूरी हो गया लगता है। मोदी हाल ही में राजस्थान के ऐतिहासिक स्थल चित्तौड़गढ़ गए थे। वहाँ एक सभा में उन्होंने (बिना नाम लिए) 110 किलोमीटर दूर स्थित उदयपुर के दर्ज़ी कन्हैयालाल के साथ हुई नृशंस घटना का ज़िक्र तो किया पर सिर्फ़ साठ किलोमीटर दूर बसे नीमच में भंवरलाल के साथ क्या हुआ था उसकी चर्चा करना भूल गए! मोदी ने आम सभा में कहा : ’जो लोग कपड़े सिलवाने आते हैं और बिना किसी डर या ख़ौफ़ के दर्ज़ी का गला काट देते हैं… इस मामले में भी कांग्रेस को वोट बैंक नज़र आता है!’ पढ़िए संबंधित घटनाओं के बाद लिखे गए मेरे आलेख के संपादित अंश:
पीएम के लिए इस वक़्त बस चुनाव जीतना ज़रूरी है?
- विचार
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- 29 Mar, 2025

प्रधानमंत्री मोदी ने उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल की हत्या का मामला क्यों उठाया? जिस राज्य में चुनाव हो, वहाँ इसका ज़िक्र करने का उनका मक़सद क्या था?
भंवरलाल और कन्हैयालाल दो अलग-अलग इंसान नहीं थे। दोनों एक जैसे ही हाड़-मांस के जीव थे। दोनों के दिल एक जैसे धड़कते थे। उनके रहने के ठिकाने भी एक दूसरे से ज़्यादा दूर नहीं थे। दोनों को ही मार डाला गया। सिर्फ़ दोनों को मारने वाले और उनके तरीक़े अलग थे। राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल को जिस बर्बरता से मारा गया उसने हमारी आत्माओं को हिला दिया। हम कन्हैयालाल को मारे जाने से ज़्यादा विचलित और भयभीत हैं। हमने अपने को टटोलकर नहीं देखा कि भंवरलाल को जब मध्यप्रदेश के नीमच शहर में मारा गया तब हमारी प्रतिक्रिया उतनी तीव्र और उत्तेजनापूर्ण क्यों नहीं थी? यह भी हो सकता है कि हम भंवरलाल की हत्या को अब तक भूल ही गए हों!