मौजूदा राजनीतिक दौर में बुद्धिजीवियों की ओर से ‘इललिबरल रिवोल्युशन’ (Illiberal Revolution) नामक एक नया जुमला देखने में आ रहा है। इसका शाब्दिक अनुवाद ‘संकुचित क्रान्ति’ या ‘सीमित इंकलाब’ हो सकता है। सवाल यह है कि आख़िर ‘संकुचित क्रान्ति’ वाले जुमले का भावार्थ या मतलब क्या है? इसकी परिभाषा या व्याख्या क्या है?