कार्यपालिका, न्यायपालिका और निजी क्षेत्र में शीर्ष पदों पर नुमाइंदगी न होने के कारण समाज के दलित, पिछड़े तबक़े, महिलाओं और निःशक्त लोगों को हर मोर्चे पर शोषण का सामना करना पड़ रहा है। यह तबक़ा संसद में पहुँचे अपने समाज के नेताओं को बड़ी उम्मीद भरी नज़रों से देखता है। लेकिन ये नेता अपनी पार्टी लाइन के मुताबिक़ काम करने व शीर्ष नेतृत्व की प्रशंसा करने में जुटे हैं और वंचित समाज का नेतृत्व करने के लिए तैयार नहीं है।
समाज नहीं पार्टी के लिए चिंतित हैं वंचित तबक़े के सांसद
- विचार
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- 21 Jul, 2019

ओबीसी समाज के सांसद अपनी पार्टी के नेतृत्व की प्रशंसा करने में जुटे हैं और वंचित समाज का नेतृत्व करने के लिए तैयार नहीं है।