स्वतंत्रता के समय देश का विभाजन और कश्मीर का विवाद भारतीयों को मिल गया था। उस दौर के नेता कश्मीर के मसले पर बँटे हुए थे। हालाँकि नेताओं का यह मानना था कि जनता की राय सबसे ऊपर है। साथ ही कश्मीर के राजा हरि सिंह की ऊहापोह की स्थिति ने हालात और ख़राब कर दिए।