स्वतंत्रता के समय देश का विभाजन और कश्मीर का विवाद भारतीयों को मिल गया था। उस दौर के नेता कश्मीर के मसले पर बँटे हुए थे। हालाँकि नेताओं का यह मानना था कि जनता की राय सबसे ऊपर है। साथ ही कश्मीर के राजा हरि सिंह की ऊहापोह की स्थिति ने हालात और ख़राब कर दिए।
आम्बेडकर क्यों चाहते थे मुसलिम बहुल कश्मीर पाकिस्तान को मिले?
- विचार
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- 8 Aug, 2019

आम्बेडकर ने क्यों लिखा था कि मुझे लगता है कि हमें कश्मीर के बजाय पूर्वी बंगाल पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए, जिसके बारे में हमें अख़बारों से पता चल रहा है कि वहाँ हमारे लोग बहुत ख़राब परिस्थितियों में रहे हैं?
कश्मीर विवाद पर डॉ. भीमराव आम्बेडकर की सबसे स्पष्ट राय नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफ़े में दी है। इस्तीफ़े में आम्बेडकर का बयान साफ़ दिखाता है कि वह धार्मिक हिसाब से अत्यंत संकुचित हो चुके थे। उन्हें पूर्वी बंगाल में हिंदुओं की दुर्दशा की चिंता थी। आम्बेडकर ने उन्हें अपने पत्र में ‘आवर पीपुल’ यानी अपने लोग कहकर संबोधित किया है। निश्चित रूप से आम्बेडकर के अपने लोग से आशय पूर्वी बंगाल में रह रहे हिंदुओं से था। इसके अलावा वह संभवतः यह मानते थे कि हिंदू और बौद्ध भारत में सुरक्षित रह सकते हैं। वह चाहते थे कि कश्मीर के बजाय पूर्वी बंगाल पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित किया जाए।