निर्मला सीतारमण जेएनयू की हमारी समकालीन छात्रा रही हैं, उसी जेएनयू की जिसे आरएसएस प्रतिष्ठान तथा मोदी सरकार ने देशद्रोह का अड्डा बताकर बदनाम किया तथा उस पर हमला जारी है। वैसे भी काबुल में सब घोड़े ही नहीं होते। निर्मला जी ने मोदी जी से जुमलेबाज़ी इतनी सीख ली है कि बजट में जुमलेबाज़ी ज़्यादा थी और आंकड़े कम।