देश में अनपढ़ होना गुनाह है! आदिवासी और दलित होना भी गुनाह है! मुसलमान भी ऐसे ही गुनहगारों की श्रेणी में आते हैं! नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से जो आईना बन रहा है, वह यही तसवीर दिखा रहा है। लोग लाचार और बेबस हैं। बगैर सज़ा के जेलों में बंद हैं। अंडरट्रायल हैं। और, जेलें भी क्षमता से अधिक कैदियों को समेट कर अमानवीय स्थिति का अतिरिक्त बोझ ऐसे बेबस लोगों पर डाल रही हैं। महिलाएं भी अबला हैं और बच्चे भी असहाय, लिहाजा अंडरट्रायल माताएं बच्चों समेत जेल की जिन्दगी जीने को विवश हैं।